Sone ke gahno ki Bangalore mein adla badli (exchange)
हाल ही में, मैं और मेरी पत्नी ने अपनी बारहवीं सालगिरह पर एक दुसरे को प्लैटिनम लव बैंड्स देने का निर्णय लिया।
क्योंकि, पूरी कीमत हमारे बजट से ज़्यादा थी, हमने अपने पुराने गहनो को देने का विचार किया। हमारे पास कुछ पुराने गहने थे , जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। इन्हें देने से हमारा खर्च कम हो सकता था।
मैंने अपने रिहाइशी शहर बेंगलुरु में सुनार कंपनियों से बात करना शुरू की। सबसे विश्वास योग्य बात तनिष्क कंपनी (जयानगर) वालो ने की। उनके मुताबिक वे हमारे आभूषणों को पहले शुद्धता (प्यूरिटी) के लिए चेक करेंगे। उसके बाद वे हमें एक आकलन (एस्टीमेट) देंगे। अगर हम मंज़ूर करे, तो वे आभूषणों को गलायेंगे। गलने के बाद, सोने की शुद्धता दोबारा चेक की जाएगी। अगर शुद्धता ९१.६ फीसदी से कम हुई तो ८ फीसदी एस्टीमेट में से काटा जायेगा, अन्यथा २ फीसदी। हर कंपनी ने इस एक्सचेंज से पैसा देने से इनकार किया। पुरे दाम का कुछ गहना लेना ही पड़ेगा।
हम तनिष्क जयानगर पहुचे। हमें वहां पर अपने पसंद की कोई भी अंगूठी तैयार नहीं मिली। सेल्समेन ने हमें आर्डर देने का सुझाव दिया, पर अंघुठिया ३० दिन से पहले नहीं मिल पाएंगी। हमारी सालगिरह २ दिन बाद थी, इसीलिए हम ३० दिन नहीं रुक सकते थे। हम तनिष्क से बहार आये और देखा की Orra का शोरूम सामने है। हम अंदर गए, और Mr. सईद से मिले। उन्होंने हमें अंगुठिया दिखाना शुरू किया, और हमें किस्मत से अपने नाप की सही अंगुठिया मिल गयी।
मैंने सईद साहब से सोने के गहने की एक्सचेंज की बात करी। उन्होंने भी तनिष्क की तरह वही सब स्टेप्स का बयान किया। अपने मन में विश्वास लिए, हमने अपने गहने उन्हें थमा दिये। वही बैठे दूसरे Orra कर्मचारी ने हमारे गहनों की शुद्धता का विश्लेषण शुरू किया। विश्लेषण एक कंप्यूटर में किया जा रहा था, जो हमारे सामने ही रखा हुआ था। बाद में पुरे सोने का वज़न किया गया। पुरे काम में समय लगा, और वे काफी देर बाद हमसे बात करने आये। हमारे सोने की शुद्धता १७ से १९ कैरट के बीच में थी। उन्होंने एक एस्टीमेट दिया और बताया की एस्टीमेट में १९ कैरट का दाम लगाया गया है। एस्टीमेट में ५ फीसदी ऊपर नीचे होने की आशंका के बारे में भी उन्होंने बताया। अगर हम मंजूरी दे, तो सोना अब गलाया जा सकता है। हमने मंजूरी दे दी, और सारे आभूषणों को एक हीटर में हमारे सामने दाल दिया गया। कुछ समय बाद, सोना पिघल गया, और उससे एक ट्रे में डाल दिया गया। उस ट्रे में पहले नारियल तेल डाला गया था। ठंडा होने पर हमारा सारा सोना एक बिस्कुट के रूप में दिख रहा था। एक बार फिर वज़न और शुद्धता का विश्लेषण किया गया। शुद्धता में सोना १८ कैरट का निकला, और वज़न करीबन वही था। एस्टीमेट से करीबन ८% कम हुआ।
हमने बाकी का पैसा दिया, और अपनी अंगुठिया खरीद ली। पूरा अनुभव काफी सुखद रहा, और हमारा शक बेवजह निकला। अगर आपको हमारे इस अनुभव को लेके कोई भी प्रश्न हो, तो कमेंट डालियेगा। मैं आपके प्रश्न का उत्तर अवश्य दूंगा।
क्योंकि, पूरी कीमत हमारे बजट से ज़्यादा थी, हमने अपने पुराने गहनो को देने का विचार किया। हमारे पास कुछ पुराने गहने थे , जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। इन्हें देने से हमारा खर्च कम हो सकता था।
मैंने अपने रिहाइशी शहर बेंगलुरु में सुनार कंपनियों से बात करना शुरू की। सबसे विश्वास योग्य बात तनिष्क कंपनी (जयानगर) वालो ने की। उनके मुताबिक वे हमारे आभूषणों को पहले शुद्धता (प्यूरिटी) के लिए चेक करेंगे। उसके बाद वे हमें एक आकलन (एस्टीमेट) देंगे। अगर हम मंज़ूर करे, तो वे आभूषणों को गलायेंगे। गलने के बाद, सोने की शुद्धता दोबारा चेक की जाएगी। अगर शुद्धता ९१.६ फीसदी से कम हुई तो ८ फीसदी एस्टीमेट में से काटा जायेगा, अन्यथा २ फीसदी। हर कंपनी ने इस एक्सचेंज से पैसा देने से इनकार किया। पुरे दाम का कुछ गहना लेना ही पड़ेगा।
हम तनिष्क जयानगर पहुचे। हमें वहां पर अपने पसंद की कोई भी अंगूठी तैयार नहीं मिली। सेल्समेन ने हमें आर्डर देने का सुझाव दिया, पर अंघुठिया ३० दिन से पहले नहीं मिल पाएंगी। हमारी सालगिरह २ दिन बाद थी, इसीलिए हम ३० दिन नहीं रुक सकते थे। हम तनिष्क से बहार आये और देखा की Orra का शोरूम सामने है। हम अंदर गए, और Mr. सईद से मिले। उन्होंने हमें अंगुठिया दिखाना शुरू किया, और हमें किस्मत से अपने नाप की सही अंगुठिया मिल गयी।
मैंने सईद साहब से सोने के गहने की एक्सचेंज की बात करी। उन्होंने भी तनिष्क की तरह वही सब स्टेप्स का बयान किया। अपने मन में विश्वास लिए, हमने अपने गहने उन्हें थमा दिये। वही बैठे दूसरे Orra कर्मचारी ने हमारे गहनों की शुद्धता का विश्लेषण शुरू किया। विश्लेषण एक कंप्यूटर में किया जा रहा था, जो हमारे सामने ही रखा हुआ था। बाद में पुरे सोने का वज़न किया गया। पुरे काम में समय लगा, और वे काफी देर बाद हमसे बात करने आये। हमारे सोने की शुद्धता १७ से १९ कैरट के बीच में थी। उन्होंने एक एस्टीमेट दिया और बताया की एस्टीमेट में १९ कैरट का दाम लगाया गया है। एस्टीमेट में ५ फीसदी ऊपर नीचे होने की आशंका के बारे में भी उन्होंने बताया। अगर हम मंजूरी दे, तो सोना अब गलाया जा सकता है। हमने मंजूरी दे दी, और सारे आभूषणों को एक हीटर में हमारे सामने दाल दिया गया। कुछ समय बाद, सोना पिघल गया, और उससे एक ट्रे में डाल दिया गया। उस ट्रे में पहले नारियल तेल डाला गया था। ठंडा होने पर हमारा सारा सोना एक बिस्कुट के रूप में दिख रहा था। एक बार फिर वज़न और शुद्धता का विश्लेषण किया गया। शुद्धता में सोना १८ कैरट का निकला, और वज़न करीबन वही था। एस्टीमेट से करीबन ८% कम हुआ।
हमने बाकी का पैसा दिया, और अपनी अंगुठिया खरीद ली। पूरा अनुभव काफी सुखद रहा, और हमारा शक बेवजह निकला। अगर आपको हमारे इस अनुभव को लेके कोई भी प्रश्न हो, तो कमेंट डालियेगा। मैं आपके प्रश्न का उत्तर अवश्य दूंगा।
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